आरोपित सचिव को हिरासत में लेने के बाद पुलिस टीम उसे थाना गागलहेड़ी ले गई। वहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
शिकायतकर्ता अरविंद कुमार पेशे से ठेकेदार हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत क्षेत्र में फुट रेज शॉप का निर्माण कराया था। इस निर्माण कार्य का भुगतान पिछले दो वर्षों से अटका हुआ था, जबकि अन्य ठेकेदारों के बिल समय पर पास कर दिए गए थे।
अरविंद कुमार ने कई बार ग्राम सचिव संजय कुमार से भुगतान की मांग की, लेकिन सचिव लगातार टालमटोल करते रहे। पीड़ित ने जिलाधिकारी से शिकायत की, जिसके बाद सचिव ने लिखित में जवाब दिया कि पैसा आने पर भुगतान कर दिया जाएगा।
हालांकि, इसके बाद सचिव ने 1 लाख 30 हजार रुपये की भुगतान राशि पास करने के बदले 15 प्रतिशत यानी करीब 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। सचिव लगातार रिश्वत देने के लिए दबाव बना रहा था। लगातार परेशान होने के बाद अरविंद कुमार ने एंटी करप्शन विभाग से संपर्क किया और पूरी जानकारी साझा की। शिकायत की पुष्टि होने पर टीम ने एक योजना बनाई और परागपुर में जाल बिछाया। जैसे ही अरविंद कुमार ने 20 हजार रुपये आरोपी सचिव को सौंपे, एंटी करप्शन टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम ने रिश्वत की रकम मौके से बरामद की और आरोपी को हिरासत में ले लिया।
अरविंद कुमार ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण ईमानदार ठेकेदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।