अंबिकापुर: सरगुजा में मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण का सफल समापन, किसानों को मिली नई दिशा

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रतापपुर विधानसभा की विधायक शकुंतला पोर्ते रहीं, जिन्होंने ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए किसानों को मधुमक्खी पालन अपनाकर अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सरगुजा जिले में सरसों की खेती का क्षेत्र व्यापक है, जिससे यहाँ मधुमक्खी पालन की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं।

कृषि विज्ञान केन्द्र सरगुजा के प्रभारी डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि सरगुजा संभाग में मधुमक्खी पालन एक उभरता हुआ व्यवसाय है, जो किसानों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान प्रायोगिक अध्ययन पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि प्रतिभागियों में आत्मविश्वास विकसित हो सके और वे इसे आत्मनिर्भरता के साधन के रूप में अपना सकें।

कार्यक्रम के दौरान जे.एस. मरावी, उप संचालक उद्यानिकी ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी और मधुमक्खी पालन प्रारंभ करने के लिए आवश्यक उपकरणों एवं पेटियों की उपलब्धता पर चर्चा की। वहीं, डॉ. पी.एस. राठिया, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय प्रतापपुर ने आलू उत्पादन तकनीक के साथ मधुमक्खी पालन के विस्तार के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. के.एल. पैंकरा, सहायक संचालक अनुसंधान ने कहा कि मधुमक्खी पालन समन्वित कृषि प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है, जिससे किसान कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हनी मिशन के तहत अधिक से अधिक कृषकों को इस व्यवसाय से जोड़ने की योजना है, क्योंकि मधुमक्खी पालन से न केवल शहद और मोम जैसे उत्पाद मिलते हैं, बल्कि फसलों की उपज में 20 से 25 प्रतिशत तक वृद्धि होती है।

कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। प्रशिक्षणार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए इसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण सीखने का अवसर बताया। आभार प्रदर्शन डॉ. वीरेंद्र कुमार, कार्यक्रम सहायक, कृषि विज्ञान केन्द्र सरगुजा ने किया। इस अवसर पर प्रशिक्षण प्रभारी सूर्य प्रकाश गुप्ता सहित केन्द्र के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।