बैठक मेंं अपर जिलाधिकारी ने बताया कि आयोग के निर्देशानुसर मतदेय स्थलों का भौतिक सत्यापन का कार्य पूर्ण होने के बाद 1200 मतदाताओं के आधार पर मतदेय स्थलों का सम्भाजन के उपरान्त आलेख्य सूची को अन्तिम रूप दिया जाना है। सम्भाजन के पहले कुल 2626 मतदेय स्थले थे, सम्भाजन के बाद कुल 266 मतदेय स्थलों की वृद्धि हुई है। अब 2892 मतेदय स्थल हो गये हैं। सम्भाजन के पहले 1674 मतदान केन्द्र थे, सम्भाजन के बाद कुल नौ मतदान केन्द्रों की वृद्धि हुई है, 1683 मतदान केन्द्र हो गये हैं।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि सम्भाजन के बाद विधानसभा रामपुरखास में 373 मतदेय स्थल व 217 मतदान केन्द्र, बाबागंज में 372 मतदेय स्थल व 224 मतदान केन्द्र, कुण्डा में 419 मतदेय स्थल व 217 मतदान केन्द्र, विश्वनाथगंज में 473 मतदेय स्थल व 288 मतदान केन्द्र, प्रतापगढ़ में 412 मतदेय स्थल व 217 मतदान केन्द्र, पट्टी में 445 मतदेय स्थल व 295 मतदान केन्द्र तथा विधानसभा रानीगंज में 398 मतदेय स्थल व 225 मतदान केन्द्र हो गये हैं।
जिलाधिकारी ने राजनैतिक दलों से कहा कि मतदेय स्थलों के सम्भाजन के सम्बन्ध में कोई सुझाव या प्रस्ताव देना हो तो उपलब्ध करा दे नहीं तो मतदेय स्थलों का आलेख्य प्रकाशन कर दिया जायेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि जो भी मतदेय स्थल बनाये गये है उनका एक बार भ्रमण कर लें जिससे बूथों पर आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की जानकारी मिल सके और यदि कहीं कोई कमी है तो उसे दुरूस्त करा लें।
बैठक में जिलाधिकारी समस्त राजनैतिक दलों से कहा कि ज विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान एसआईआर चल रहा है, कहीं पर कोई समस्या आ रही है तो सम्बन्धित अधिकारी को अवगत करायें जिससे उसका निराकरण कराया जा सके। बूथों पर बीएलए की नियुक्ति करके सूची उपलब्ध करा दी जाये, एसआईआर कार्यक्रम में सभी राजनैतिक दल अपना सहयोग अवश्यक करें।