विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गुरुवार सुबह बने दो विश्व रिकॉर्ड, भारत के हैनी पदक से चूके

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अफ़रोज़ ने 41.52 मीटर का शानदार थ्रो कर 2024 कोबे में बनाए गए 41.16 मीटर के अपने ही रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा। वहीं जेलल ने 11.67 मीटर की दूरी तय कर 2024 में अपने ही नाम दर्ज 11.62 मीटर के रिकॉर्ड को बेहतर बनाया। इसके साथ ही चैंपियनशिप में विश्व रिकॉर्डों की संख्या बढ़कर 21 और चैंपियनशिप रिकॉर्डों की संख्या 65 हो गई है।

हैनी का निराशाजनक अंत

भारत के 19 वर्षीय हैनी के लिए यह दिन निराशाजनक रहा। पुरुषों की डिस्कस थ्रो F37 स्पर्धा के फाइनल में पदार्पण कर रहे रोहतक के इस युवा ने शुरुआती राउंड में ही 51.22 मीटर का थ्रो कर बढ़त बना ली थी। लेकिन बाद के प्रयासों में वह लय बरकरार नहीं रख सके।

मेक्सिको के लुइस कार्लोस लोपेज़ ने दूसरे प्रयास में 56.59 मीटर का रिकॉर्ड थ्रो कर स्वर्ण पर कब्ज़ा किया।

यूक्रेन के मायकोला झाबन्याक ने चौथे राउंड में 52.70 मीटर के थ्रो से बढ़त बनाई।

जापान के यामातो शिम्बो ने आखिरी प्रयास में 54.50 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो कर रजत पदक झटक लिया।

पहले दौर में पोडियम के करीब पहुंचे हैनी अंततः चौथे स्थान पर खिसक गए। उनके चार वैध थ्रो में आखिरी 46.34 मीटर सबसे कम दूरी का रहा। दबाव में सबसे कम उम्र का यह एथलीट अपने शानदार शुरुआत को पदक में तब्दील नहीं कर सका।

ब्राज़ील की स्वर्णिम सुबह

गुरुवार सुबह ब्राज़ील के एथलीटों ने लगातार दो स्वर्ण पदक जीतकर पदक तालिका में अपनी बादशाहत और मज़बूत कर ली।

बार्टोलोमेउ दा सिल्वा ने पुरुषों की 400 मीटर T37 स्पर्धा में 50.13 सेकंड का नया मीट रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण जीता।

उनकी हमवतन मारिया सी. ए. दा सिल्वा ने महिलाओं की 400 मीटर T47 में 56.17 सेकंड का समय दर्ज कर स्वर्ण पदक हासिल किया।

इन उपलब्धियों से ब्राज़ील का पदक खाता 10 स्वर्ण, 15 रजत और 7 कांस्य तक पहुँच गया।

पदक तालिका

ब्राज़ील – 10 स्वर्ण, 15 रजत, 7 कांस्य

चीन – 8 स्वर्ण, 10 रजत, 7 कांस्य

पोलैंड – 7 स्वर्ण, 1 रजत, 5 कांस्य

भारत – 4 स्वर्ण, 4 रजत, 1 कांस्य

भारत अभी चौथे स्थान पर है। हैनी यदि पदक जीतने में सफल रहते, तो भारत की स्थिति और मज़बूत हो सकती थी।