खरना पर्व के बाद छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत-उपवास हाेगा प्रारंभ

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इस बार यह पर्व सोमवार को सायंकालीन अर्घ्य एवं मंगलवार को प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ समापन किया जायेगा।छठ व्रतियों ने बताया कि छठ पर्व में नारी सशक्तिकरण के रूप मे छठि माय एवं प्रकृति के रूप में सूर्य की उपासना की जाती है।यह पर्व वैदिक काल से ही मनाया जा रहा है।यह पर्व अध्यात्मिक, धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व से भरपूर है।आज वैज्ञानिक भी शोध के आधार पर इस पर्व को ऋतु परिवर्तन के कारण अति महत्वपूर्ण मानते है।यह पर्व सामाजिक समरसता का द्योतक है जहां सभी जाति वर्ग के लोग एक सुर्य देवता,एक रंग रुप प्रसाद के साथ एक घाट पर मिल जुलकर मनाते है।वही सर्वे भवन्तु सुखिन भाव सें विश्व कल्याण की कामना की जाती है।