दीपावली त्योहार के चलते शहर के प्रमुख बाजारों में ताजे हरे सब्जियों की भारी कमी रही। स्थिति यह रही कि कुछ व्यापारी रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव और गुंडरदेही से ट्रक और मिनी वाहन के जरिए सब्जियां मंगाकर बेचने पहुंचे, लेकिन सीमित मात्रा और ज्यादा खर्च की वजह से दरें सामान्य से दोगुनी-तीन गुनी रहीं। सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि बाजार में भिंडी 80 रुपये प्रति किलो, मूली और गाजर 50 रुपये किलो, टमाटर 40 से 50 रुपये किलो तथा पत्ता गोभी 60 रुपये किलो, गोभी 120 रुपये, अदरक 120 रुपये किलो, करेला और बरबटी 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। सब्जियों के दामों में हुई इस तेज बढ़ोतरी ने आम उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। लगातार चार दिन की बंदी ने बाजार की पूरी व्यवस्था को प्रभावित कर दिया। फुटकर विक्रेताओं का कहना है कि बाहर से सब्जी मंगवाने से मालभाड़ा ज्यादा लगता है।
सब्जी विक्रेता सोहन सोनकर ने बताया कि उन्होंने गुंडरदेही से सब्जियां मंगवाई हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट और लोडिंग का खर्च अधिक पड़ने के कारण उन्हें महंगे दाम पर बेचना पड़ा। थोक सब्जी विक्रेता विनोद चुगानी ने कहा कि मंडी बंद होने से स्थानीय आपूर्ति ठप पड़ जाती है। आवक बढ़ने पर ही कीमत कम होती है। शुक्रवार को मंडी खुलने के बाद धमतरी के रामबाग, गोलबाजार और इतवारी बाजार क्षेत्र में सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ लगी। चार दिन बाद बाजार में सब्जियों की रेट में कमी दिखी। थोक सब्जी विक्रेता संघ अध्यक्ष कैलाश यादव ने बताया कि त्योहार के कारण मंडी बंद थी। शुक्रवार को थोक सब्जी मंडी खुली। आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद है। स्थानीय किसानों से ताजी सब्जियों की आवक शुरू होते ही दामों में और कमी आएगी।