हम सब सनातनी, अंग्रेजों ने टूटा दर्पण दिखाकर अलग कियाः डॉ मोहन भागवत

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सतना/भोपाल, 05 अक्टूबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हम सब एक है। सभी सनातनी और हिन्दू हैं, लेकिन एक अंग्रेज आया और टूटा हुआ दर्पण दिखा कर अलग-अलग कर गया। आज जरूरत है कि हम अच्छा दर्पण देखकर एक हो। हम आध्यात्मिक परंपरा वाला दर्पण देखेंगे तो एक दिखेंगे। यह दर्पण दिखाने वाले हमारे गुरु है। अपना अहंकार छोड़ो और स्व को देखो। काम की इच्छा की पूर्ति के लिए अपने धर्म को न छोड़ो। देश के स्व को लेकर चले तो सारे स्व सध जाएंगे।

सरसंघचालक डॉ. भागवत अपने मध्य प्रदेश प्रवास के दूसरे दिन रविवार को सतना के बीटीआई ग्राउंड में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने सतना के बाबा सिंधी कैंप स्थित मेहर शाह दरबार के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बंटवारे के बाद सिंधी भाई पाकिस्तान नहीं गए, वे अविभाजित भारत आए। मुझे इस बात की खुशी है। सिंधी समाज के लोग हमारे ही हैं, हमारे घर में किसी ने कब्जा कर लिया। हमें एक जुट होकर अपना घर कब्जा करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने पारंपरिक वेशभूषा भाषा, रहन-सहन याद रखें। हो सके तो जीवन में हमेशा इसका ध्यान रखें नहीं तो त्योहार पर विशेष दिन पर अपना पारंपरिक वेश धारण करना चाहिए।

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने भाषा विवाद को लेकर कहा कि भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक ही होता है। मूल भाषा से ही निकली है अनेक भाषाएं। सारी भाषाएं भारत की राष्ट्र भाषा है। प्रत्येक व्यक्ति को तीन भाषा का ज्ञान होना चाहिए। राष्ट्रभाषा, क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान होना चाहिए। इस अवसर पर दरबार प्रमुख पुरुषोत्तम दास महाराज, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, भोपाल विधायक भगवान दास साबनानी और जबलपुर कैंट विधायक अशोक रोहानी सहित कई साधु-संत और शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

बाबा मेहर शाह दरबार पर एक नजर

सतना शहर के दयाल दास चौक स्थित बाबा मेहर शाह दरबार का इतिहास बहुत पुराना है। यहां हर साल, खासतौर पर मूर्ति स्थापना दिवस पर, धूमधाम से आयोजन किए जाते हैं। सतना में स्थित बाबा मेहर शाह दरबार एक पूजनीय धार्मिक स्थल है। दरबार आध्यात्मिक शांति और सद्भाव का केंद्र माना जाता है। यहां सभी धर्मों के लोग अपनी आस्था के साथ आते हैं। यह दरबार सतना के सिंधी कैंप क्षेत्र में स्थित है और इसे वहाँ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक हालांकि यह एक मुस्लिम सूफी संत का स्थान है, लेकिन यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग आकर प्रार्थना करते हैं। यह आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश देता है, जिसे अक्सर “गंगा-जमुनी तहज़ीब” कहा जाता है। यह दरबार स्थानीय निवासियों और आसपास के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है। यह धार्मिक स्थल सतना में एक खास पहचान रखता है, जहाँ लोगों की आस्था और विश्वास का संगम देखने को मिलता है। इसका नया भवन तैयार हुआ है और इसका लोकार्पण आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने किया है।