जनजातीय व्यापार सम्मेलन 12 नवंबर को यशोभूमि में होगा आयोजित

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जनजातीय कार्य मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित जनजातीय व्यापार सम्मेलन 2025 ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना को मूर्त रूप देगा।

इस सम्मेलन का उद्देश्य देश भर में आदिवासी उद्यमियों को सशक्त बनाना और समावेशी, नवाचार-आधारित और सतत विकास को बढ़ावा देना है।

इसे वर्ष भर चलने वाली राष्ट्रीय पहल श्रृंखला के तहत आयोजित किया जा रहा है।

सरकार का समग्र दृष्टिकोण

जनजातीय कार्य मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और डीपीआईआईटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित होने वाला यह सम्मेलन अभिसरण और सहयोग का प्रतीक है। इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, कौशल विकास एवं उद्यमिता, वस्त्र, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख मंत्रालयों की सक्रिय भागीदारी है। मंत्रालय ने बताया कि इसके प्रमुख साझेदारों में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग संघ – फिक्की, पैनआईआईटी एलुमनाई रीच फॉर ग्राम उद्योग फाउंडेशन-प्रयोगी और स्टार्टअप इंडिया शामिल हैं, जो जनजातीय उद्यमों के मार्गदर्शन, निवेश और इनक्यूबेशन के लिए एक सुदृढ़ मंच सुनिश्चित करते हैं।

सम्मेलन की खास बातें

जनजातीय उद्यमियों के लिए एक अनूठा मंच है, जहां वे अपने व्यावसायिक विचारों को निवेशकों, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी – नेताओं और सरकारी संस्थानों के समक्ष मार्गदर्शन, वित्तपोषण और इनक्यूबेशन के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं।

इसके साथ वित्त, ब्रांडिंग, नवाचार और क्षमता निर्माण पर उद्योग जगत के दिग्गजों और नीति निर्माताओं के साथ परिचर्चा और मास्टरक्लास आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ 100 से अधिक जनजातीय स्टार्टअप और सूक्ष्म उद्यम प्रदर्शित किये जाएंगे, जिनमें शिल्प, कृषि उत्पाद, वन उपज और हरित प्रौद्योगिकियां शामिल होंगी।