होटल व्यवसायियों के अनुसार सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने और उसके वीडियो व तस्वीरें देशभर में वायरल होने से पर्यटक इस बार निराश हुए हैं। परिणामस्वरूप पश्चिम बंगाल से केवल करीब दाे फीसदी पर्यटक ही माउंट आबू पहुंचे हैं। दुर्गा पूजा के बाद पश्चिम बंगाल में दाे से 25 अक्टूबर तक छुट्टियां रहती हैं। इस दौरान कोलकाता सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में पर्यटक माउंट आबू घूमने आते हैं।
परंपरानुसार दीपावली से पहले लगभग 20 दिन तक माउंट आबू बंगाल के पर्यटकों से गुलजार रहता है। लेकिन इस बार सड़क टूटने और आवाजाही बाधित होने से होटल व्यवसायियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
दीपावली से करीब 15 दिन पहले गुजरात से आने वाले पर्यटकों की संख्या आमतौर पर पांच फीसदी तक रह जाती है, जबकि दीपावली के बाद लाभ पंचमी तक गुजरात के पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
इस बार पश्चिम बंगाल से पर्यटकों की कमी के चलते होटल व्यवसाय अब गुजरात के पर्यटकों से सीजन की भरपाई की उम्मीद कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि माउंट आबू में सीजन के दौरान सड़क टूटना आम बात हो गई है, लेकिन इसका कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला जा रहा।
विशेषज्ञों के अनुसार, अंडरग्राउंड केबल डालने और नई सेफ्टी दीवारों में पानी की निकासी ठीक नहीं होने के कारण सड़कें बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही हैं।
होटल व्यवसायियों ने प्रशासन से समय रहते सख्त मॉनिटरिंग और पूर्व तैयारी करने की मांग की है, ताकि दीपावली फेस्टिवल सीजन में पर्यटकों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
होटल व्यवसायी गिरिराज सिंह मोंटी का कहना है कि हर साल दुर्गा पूजा के बाद कोलकाता और बंगाल के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, लेकिन इस बार सड़क खराब होने और खबरें वायरल होने से कोई नहीं आया। अब गुजरात से पर्यटकों के आने की उम्मीद है। एक अन्य हाेटल व्यवसायी
पृथ्वी सिंह ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद बंगाल में 25 दिन की छुट्टियां होती हैं, लेकिन इस बार केवल दाे फीसदी पर्यटक ही माउंट आबू पहुंचे हैं। इससे पर्यटन व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है। इस बार सड़क की बदहाली ने माउंट आबू की पर्यटन रौनक फीकी कर दी है। यदि प्रशासन ने समय रहते सड़कों की मरम्मत और मॉनिटरिंग नहीं की तो दीपावली के बाद गुजरात से आने वाले पर्यटक भी यहां से दूरी बना सकते हैं।