बैठक में रांची सहित पांच-छह जिलों से आए टाना भगत उपस्थित थे। बैठक में टाना भगतों ने अपनी विभिन्न मांगों और समस्याओं को उपायुक्त के समक्ष रखा।
मौके पर उपायुक्तु ने सभी मांगों को गंभीरतापूर्वक सुनते हुए विधिसम्मत समाधान का आश्वासन दिया।
उपायुक्त ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन टाना भगतों की समस्याओं को संवेदनशीलता से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि टाना भगत और प्रशासन मिलकर व्यवहारिक और कानूनी प्रस्ताव पर काम करें, तो सभी मुद्दों का स्थायी समाधान संभव है।
टाना भगत बुराइयों को कर सकते हैं खत्म
उपायुक्त ने कहा कि टाना भगतों का स्वतंत्रता संग्राम और समाज निर्माण में अमूल्य योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ी थी, अब समय है कि हम सभी नशा, मादक पदार्थों की खेती और सामाजिक कुरीतियों से लड़ें। उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान समय में नशा, अफीम की खेती, डायन-बिसाही जैसी कुप्रथाएं, जड़ी-बूटी के नाम पर झोलाछाप इलाज और हड़िया (स्थानीय शराब) समाज को कमजोर कर रहे हैं। अगर टाना भगत ठान लें, तो इन बुराइयों को समाज से खत्म किया जा सकता है। उपायुक्त ने कहा कि टाना भगतों ने जिस तरह अंग्रेजों के खिलाफ सत्य, अहिंसा और अनुशासन के साथ लड़ाई लड़ी, उसी आत्मबल से अब समाज को नशा, अंधविश्वास और कुरीतियों से मुक्त करना होगा, यही सच्ची देशभक्ति और समाज सेवा है।
भजन्त्री ने कहा कि टाना भगत तपस्वी और अनुशासित समुदाय हैं और प्रशासन के साथ सहयोग कर वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। जिला प्रशासन उनकी मांगों के समाधान के लिए समर्पित भाव से कार्य करेगा।
बैठक में अपर जिला दण्डाधिकारी (विधि-व्यवस्था) राजेश्वरनाथ आलोक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी उर्वशी पांडेय और सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी उपस्थित थे।