इस पर जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने जबलपुर और कटनी के पुलिस अधीक्षकों से शपथ-पत्र पर जवाब मांगा है। बेंच ने कहा है कि जब रज्जाक वर्ष 2021 से जेल में बंद है, तब वर्ष 2021 से 2023 के बीच उसके खिलाफ जबलपुर और कटनी के थानों में अलग-अलग 7 केस कैसे दर्ज हो सकते हैं?
सरकार की ओर से कहा गया कि रज्जाक एक बड़ा गैंगस्टर है और जेल में रहते हुए भी गैंगवार में उसकी भूमिका रही है। इसी कारण उसे जबलपुर से भोपाल सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वे इस दावे का रिकॉर्ड भी पेश करें। साथ ही जबलपुर और कटनी के एसपी को शपथ-पत्र पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी।