सचिव भवदीप रावते ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा चलाए जा रहे “आपदा जोखिम से बचाव अंतर्राष्ट्रीय दिवस” अभियान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदाएं जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन जागरूकता, तैयारी और सामूहिक सहयोग से उनके प्रभाव को कम किया जा सकता है। रावते ने विद्यार्थियों से कहा कि आपदा प्रबंधन केवल सरकार की नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है।
शिविर में विद्यार्थियों और स्थानीय नागरिकों को आपदाओं से निपटने के व्यावहारिक उपाय सिखाए गए। एसडीआरएफ (SDRF) टीम ने मौके पर ही राहत और बचाव कार्यों का प्रदर्शन किया। टीम ने प्राथमिक उपचार, रेस्क्यू तकनीक और आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के तरीके समझाए। विद्यार्थियों ने इस प्रशिक्षण में उत्साहपूर्वक भाग लिया और आत्मरक्षा तथा सहयोग के गुर सीखे।
रावते ने किशोर न्याय अधिनियम 2015, बाल श्रम निषेध कानून, फैक्ट्री अधिनियम 1948, बाल विवाह निषेध अधिनियम और साइबर अपराध जैसे महत्वपूर्ण कानूनी विषयों पर भी जानकारी दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि विधिक साक्षरता युवाओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग बनाती है।
कार्यक्रम के अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उपस्थित छात्र-छात्राओं और नागरिकों को जानकारीपूर्ण पैम्फलेट वितरित किए गए। यह भी बताया गया कि जनपद की सभी तहसीलों में कार्यरत पैरा लीगल वॉलंटियर्स भी आपदा जोखिम से बचाव अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर जन-जागरूकता अभियान चला रहे हैं।