मिली जानकारी के अनुसार इस अनोखी योजना से पहले, गांव में 60 प्रतिशत अंक लाना भी बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी, लेकिन अब कई छात्र 85, 90 और 95 प्रतिशत तक अंक हासिल कर रहे हैं। यह पहल साल 2008 में शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले बच्चों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, और परीक्षा परिणामों में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मुसुरपुट्टा गांव अब पूरे जिले के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन चुका है, जो सामूहिक प्रयासों से बदलाव की मिसाल पेश कर रहा है।
हवाई यात्रा का अनुभव कर चुके तोषन कुमार साहू ने बताया कि 10वीं में 92 प्रतिशत अंक लाने पर उन्हें भुवनेश्वर की हवाई यात्रा का मौका मिला। अब उनका लक्ष्य 12वीं में 99 प्रतिशत अंक लाकर प्रदेश में टॉप करना है, ताकि वे ग्रामीणों के साथ सिंगापुर की यात्रा पर जा सकें, जैसा कि ग्रामीणों ने शर्त रखी है।