मिडवेस्ट लिमिटेड का 451 करोड़ रुपये का आईपीओ 15 से 17 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 22.36 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 146.99 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 176.57 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 25.52 गुना और एंप्लॉयीजी के लिए रिजर्व पोर्शन 25.80 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 250 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं। इसके अलावा 5 रुपये फेस वैल्यू वाले 18,87,323 शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये की गई है।
आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी सब्सिडरी मिडवेस्ट नियोस्टोन के क्वार्ट्ज प्रोसेसिंग प्लांट में दूसरे चरण के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर करने, मिडवेस्ट खुद अपने लिए और अपनी एक दूसरी सब्सिडरी एपीजीएम के लिए इलेक्ट्रिक डंप ट्रकों की खरीदारी करने, कंपनी के कुछ माइन में सोलर एनर्जी इंटीग्रेशन करने, पुराने कर्ज के बोझ को हल्का करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 54.44 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 100.32 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 133.30 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 522.23 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 603.33 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 643.14 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।
मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की बात करें तो पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 24.38 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हो चुका है। इसी तरह इस अवधि में कंपनी को 146.47 करोड़ की आय हासिल हो चुकी है।
इस अवधि में कंपनी के कर्ज के बोझ में उतार-चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 149.08 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 120.48 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 236.61 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 के बाद कर्ज का बोझ 270.11 करोड़ रुपये के स्तर पर था।
इस दौरान कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में लगातार बढ़ोतरी हुई। ये वित्त वर्ष 2022-23 में408.88 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 484.86 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 602.26 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, मौजदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 625.60 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया।
इसी तरह 2024-25 में ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 171.78 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 89.59 करोड़ रुपये था। मौजदा वित्त वर्ष की बात करें तो कारोबारी साल की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक कंपनी का ईबीआईटीडीए 38.97 करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंच गया।