समारोह में विभाग कार्यवाह लोकेंद्र अंथवाल ने संघ के 100 वर्ष की गौरव गाथा पर प्रकाश डालते हुए हरिद्वार मन्दिर शाखा के 83 वर्ष पूर्ण होने पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं, कि हम स्वयंसेवक बने और शताब्दी वर्ष को एक उत्सव के रूप में देखने का सौभाग्य हमको प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि विजयदशमी प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का, अधर्म पर धर्म की जीत का। इसी तरह संघ भी 100 वर्षो से समाज मे फैली बुराइयों के खिलाफ संघर्ष करता हुआ दृढ़ता से खड़ा है। संघ ने 100 वर्ष पूर्ण होने पर समाज परिवर्तन के लिए पंच परिवर्तन का संकल्प लिया है। उसे पूरा करने के लिए हमें समाज के बीच जाना है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारे जीवन को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने में मदद करता है। पर्यावरण संरक्षण के बिना, हमारा भविष्य खतरे में पड़ सकता है। सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना होगा। कार्यक्रम की
अध्यक्षता करते हुए मायादेवी मन्दिर के मुख्य पुजारी महंत भाष्कर गिरी ने कहा कि सनातन संस्कृति को बचाने का जो काम संघ कर रहा है। वह सहरानीय है। भगवा हमारी पहचान है, हिन्दू संस्कृति परम्पराओं का प्रतीक है।
इसके उपरन्त स्वयंसेवको ने नगर में पथ संचलन निकाला। स्वयंसेवकों पर नगर में लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा की। पथ संचलन मार्ग पर दिवंगत स्वयंसेवकों की स्मृति में सुंदर द्वार सजाए गए। आयोजन में नगर कार्यवाह डॉ.अनुराग,सह कार्यवाह अभिषेक व बलदेव,शारीरिक प्रमुख उमेश, अर्पित, प्रचार प्रमुख अमित शर्मा, दीपक भारती, संजीव दत्ता, गौरव भारद्वाज, मनीष, विशाल, आशुतोष शर्मा, डॉ. संदीप कपूर, डॉ प्रशांत पालीवाल, नागेश वर्मा और प्रदीप कालरा आदि की मुख्य भूमिका रही।