पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध कर संसार को भयमुक्त किया था। तभी से यह पर्व बुराई पर अच्छाई और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक माना जाता है। रूप चौदस पर महिलाएं पारंपरिक रूप से स्नान, उबटन और श्रृंगार कर देवी लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी करती हैं। पार्लर संचालकों के अनुसार, आज दिनभर बुकिंग फुल रहीं। कोई हेयर स्पा करवा रही थी, तो कोई नेल आर्ट या फेशियल। इस बार सजने-संवरने के तौर-तरीकों में भी आधुनिकता का स्पर्श देखने को मिला। अब महिलाएं केवल पारंपरिक मेकअप तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि ग्लो ट्रीटमेंट, स्किन हाइलाइटिंग, नेल आर्ट और हेयर एक्सटेंशन जैसे नए ट्रेंड्स ने भी लोकप्रियता हासिल की।