रिजर्व बैंक ने जारी एक बयान में बताया कि भुगतान नियामक बोर्ड (पीआरबी) का गठन पीएसएस अधिनियम, 2007 की धारा 3 (2) के तहत किया गया है। आरबीआई ने कहा कि देशभर में भुगतान प्रणालियों के कामकाज की निगरानी के लिए गठित छह सदस्यीय भुगतान नियामक बोर्ड में केंद्र सरकार के तीन नामित सदस्य भी शामिल हैं। इस बोर्ड के प्रमुख गवर्नर हैं।
आरबीआई ने कहा कि वित्त मंत्रालय की ओर से 6 मई, 2025 को जारी गजट अधिसूचना के अनुसार भुगतान नियामक बोर्ड (पीआरबी), रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की एक समिति, भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमन और पर्यवेक्षण बोर्ड (बीपीएसएस) का स्थान लेगा। इस पांच सदस्यीय बीपीएसएस का नेतृत्व भी रिजर्व बैंक के गवर्नर करते थे, लेकिन इसमें कोई सरकारी नामित सदस्य शामिल नहीं है।
मई में जारी अधिसूचना के अनुसार पीआरबी में रिजर्व बैंक के अन्य दो सदस्य डिप्टी गवर्नर और भुगतान और निपटान प्रणालियों के प्रभारी कार्यकारी निदेशक हैं। इस बोर्ड में सरकार के नामित सदस्यों में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और पूर्व दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन हैं।
मई में जारी अधिसूचना के अनुसार नवगठित भुगतान विनियामक बोर्ड की बैठक सामान्यतः वर्ष में कम से कम दो बार होगी। रिजर्व बैंक के प्रधान कानूनी सलाहकार बोर्ड की बैठकों में स्थायी आमंत्रित सदस्य होते हैं।