डब्लू आर एस कॉलोनी में रावण दहन: राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में उमड़ा उत्साह

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परंपरा के अनुसार पिछले 55 वर्षों से यहां रावण दहन का आयोजन होता आ रहा है। इस बार मैदान में 101 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया। साथ ही 81-81 फीट ऊंचे कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी अग्नि के हवाले कर दिए गए। रावण दहन के साथ ही आसमान में गूंजती शानदार आतिशबाज़ी ने हजारों दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि विजयादशमी का यह पर्व आत्ममंथन का भी अवसर है। उन्होंने कहा कि आज हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि अपने भीतर के अहंकार और बुराई का त्याग कर समाज और राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक भूमिका निभाएँ।राज्यपाल ने दशहरा पर्व पर नागरिकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा – “रावण की हार का कारण उसका अहंकार था। यह हमें सीख देता है कि क्रोध, मोह और लोभ जैसे दोषों को जीवन से दूर करना होगा। जब हम अच्छाई के साथ खड़े होंगे और नारी का सम्मान करेंगे, तभी सच्चे अर्थों में रामराज्य की स्थापना होगी।”

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि दशहरा का पर्व अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की और बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देता है। यह पर्व हमें अपने भीतर के नकारात्मक विचारों और प्रवृत्तियों को त्यागकर सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा – “डब्लूआरएस मैदान में दशहरा उत्सव का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य है। यह उत्सव हमें हर साल यह संदेश देता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो, जीत सदैव अच्छाई और सत्य की ही होती है। असली रावण हमारे भीतर लोभ, क्रोध, मोह और अहंकार के रूप में छिपा है, जिसे हमें त्यागना होगा।”

इस अवसर पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम, विधायक पुरंदर मिश्रा सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, आयोजन समिति के पदाधिकारी और श्रद्धालुगण उपस्थित थे।