विश्वविद्यालय क्षेत्रीय मुह एवं खुर रोग अनुसंधान केंद्र, पशु सूक्ष्म जीव विज्ञान
विभाग, पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
इसे पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है।
भारत के मुह एवं खुर रोग नेटवर्क इकाइयों की 32वीं वार्षिक समीक्षा बैठक हाल
ही में जयपुर में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता आईसीएआार पशु विज्ञान के उप महानिदेशक
डॉ. आर. भट्टा, ने की। बैठक में डॉ. दिवाकर हेमाद्री, सहायक महानिदेशक (पशु स्वास्थ्य),
डॉ. अशोक कुमार, पूर्व एडीजी (एएच), और डॉ. आरपी सिंह, निदेशक, आईसीएआर–एनआईएफएफडी, भुवनेश्वर,
के साथ डीएएचडी, भारत सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे। लगभग सभी राज्यों और केंद्र
शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 32 नेटवर्क केंद्रों ने अपनी प्रगति रिपोर्ट
प्रस्तुत की। इसमें लुवास की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर एवं मुह एवं खुर रोग प्रयोगशाला
प्रभारी
डॉ. स्वाति दहिया ने जनवरी 2024 से केंद्र द्वारा किए गए अनुसंधान और डायग्नोस्टिक
गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। लुवास वैज्ञानिकों के कार्य को वैज्ञानिक कठोरता
और प्रभावशाली प्रकाशनों के लिए विशेष रूप से सराहा गया। इस अवसर पर गुगल प्ले स्टोर
पर उपलब्ध लुवास एफएमडी लॉस केलकुलेटर ऐप को आईसीएआर–एनआईएफएमडी द्वारा मान्य
और स्वीकृत किया गया। इसका उपयोग मुह एवं खुर रोग प्रकोप के कारण होने वाले आर्थिक
नुकसान का अनुमान लगाने में किया जा सकता है।