शिवपुरी सत्संग मंदिर में नवरात्रा ध्यान साधना शिविर सम्पन्न

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ध्यान शिविर के अंतिम दिन विशाल भंडारे का आयोजन ट्रस्टियों द्वारा सर्वसाधारण के लिए किया गया। हजारों श्रद्धालुओं, सत्संगियों, साधकों एवं स्थानीय लोगों ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया। नौ दिनों तक साधकों ने पूज्य धीरेन्द्र बाबा, पूज्य रमेश बाबा, पूज्य अवधेशानंद बाबा, पूज्य विनोद बाबा, पूज्य रामचन्द्र बाबा, पूज्य देवचंद बाबा के सानिध्य में रहकर ध्यान साधना के तरिके एवं गुढ रहस्यों को सरलता से जाना और अभ्यास किया।

मंचासीन रहे पूज्य धीरेन्द्र बाबा ने साधकों को बताया कि यहां से जाने के बाद आपलोग नियमित रूप से त्रय काल संध्या यानी ध्यान कर शरीर और संसार से अपने को छुड़ाकर मुक्ति यानी मौक्ष प्राप्त करना चाहिए। आवागमन यानी जन्म मृत्यु ही दुःख का कारण है इससे छुटकारा पाकर आत्मा को परमात्मा में समाहित कर देना ही मौक्ष है। साधकों ने मंदिर ट्रस्टियों द्वारा उपलब्ध कराए गए सुविधा एवं सुव्यवस्था से प्रसन्न होकर भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था बहुत कम जगहों पर देखने को मिलती है।

ट्रस्ट के सचिव अखिलेश मंडल ने बड़े दुख के साथ बताया कि हमारे ट्रस्ट के सम्मानित उपाध्यक्ष ललिता केडिया ने मंगलवार के ब्रह्म मुहूर्त में नश्वर शरीर को त्याग कर ब्रह्मलीन हो गई। बुधवार को उनके पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार मनिहारी के गंगा तट पर परिजनों एवं सत्संगियों द्वारा किया गया। साधकों एवं सत्संगियों ने दो मिनट का मौन धारण करते हुए स्मृतिशेष ललिता केडिया के आत्मा की शांति एवं सद्गति के लिए गुरु महाराज से प्रार्थना किया।

सत्संग मंदिर में उनके योगदान को चीर काल तक याद किया जाएगा। बुधवार के अपराह्न सभी महात्माओं एवं साधकों को हर्षोल्लास पूर्वक ट्रस्टियों द्वारा विदाई अर्पित किया। इस नौ दिवसीय ध्यान साधना शिविर को सफल बनाने में संत सदगुरु महर्षि में हीं सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पूज्य जगदेव बाबा, सचिव अखिलेश मंडल, संरक्षक पवन कुमार पोद्दार, कोषाध्यक्ष संतलाल शरणागत व्यवस्थापक विजय प्रसाद साह सह व्यवस्थापक भूपेन्द्र प्रसाद सिंह, ट्रस्टी शिवनारायण जयसवाल सहित स्थानीय सत्संगियों का सराहनीय योगदान रहा।