बाप-बेटी को जेल भेजने के मामले में डीजीपी ने की कार्रवाई, नामकुम थानेदार और आईओ का किया तबादला

Share

खुशी तिवारी नाम की एक महिला और उसके पिता को जेल भेजने के मामले में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सख्त कार्रवाई की है। डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर डीआईजी कार्मिक की ओर से प्रशासनिक दृष्टिकोण से नामकुम थाना प्रभारी मनोज कुमार को रांची जिला बल से सिमडेगा जिला तबादला कर दिया गया, जबकि इस केस के आईओ मिथुन कुमार को सस्पेंड करते हुए चाईबासा जिला ट्रासंफर कर दिया।

उल्लेखनीय है कि रांची के गोंदा थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला को आपराधिक प्रवृत्ति के एक व्यक्ति के धमकाने के मामले में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बीते अगस्त महीने संज्ञान लिया था। उन्होंने इसकी जांच का जिम्मा डीआईजी बजट संध्या रानी मेहता को सौंपा था। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने रांची एसएसपी को निर्देश दिया था, कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक गोंदा और नामकुम थाना के जांचकर्ता कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। इसके बावजूद भी नामकुम थाना की पुलिस की ओर से महिला और उसके पिता को जेल भेज दिया गया।

क्या है पूरा मामला

खुशी तिवारी, जिनके पति उन्हें पहले ही छोड़ चुके हैं, वर्तमान में आर्थिक तंगी से जूझ रही है। इसी कारण उन्होंने कुछ रकम ब्याज पर ली थी। उनका आरोप है कि पैसे लेने के बाद प्रियंका नायक और उसके भाई काशीनाथ नायक ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया।

खुशी का कहना है कि उस पर काशीनाथ से शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था। काशीनाथ नायक नामकुम थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उस पर फर्जी शादीनामा बनवाने और खुशी की अश्लील तस्वीरें बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप है। खुशी ने इस संबंध में गोंदा थाना में एक मामला दर्ज कराया, इसके बाद काशीनाथ को गिरफ्तार किया गया। खुशी का आरोप है कि जेल से छूटने के बाद काशीनाथ उसे धमकाने लगा। उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर नामकुम थाने में उन पर और उनके परिवार पर झूठा केस दर्ज करवाया। खुशी को शक है कि काशीनाथ जमीन दलाल है और स्थानीय पुलिस अधिकारियों से उसकी मिलीभगत है। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी डीके सिंह भी उन्हें और उनके परिवार वालों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रहे हैं।