नागदा, 24 अक्टूबर (हिंस) उज्जैन जिले के नागदा में गत दिनों मटमैला पानी सप्लाय का मामला अभी सुर्खियों में चल ही रहा था कि सूचना अधिकार की पकडृ में जिम्मेदारों की एक शर्मशार लापरवाही का चौकाने वाला मामला सामने आया है। शहर के जनता को जो पानी पिलाया जा रहा उसमें कबूतर के अंडे और मल (बीट)मिले होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। चंबल तट स्थित नपा की जल आवर्धन योजना के तहत 22 करोड़ की लागत से बनी योजना के फिल्टर प्लांट के रख रखाब के प्रति हमारे जिम्मेदार कितने सजग उसकी पोल तो सामने आई लेकिन फिल्टर प्लांट के पानी से भरे चैबर के उपर बनी रैलिंग के नीचे कबूतरों ने अंडे दिए और अब बच्चे बन गए, जो अभी भी विधमान है। इसी स्थान पर कबूतर की बीट की गंदगी के ढेर मिले हैं।
मजेदार बात यह है कि जहां कबूतरों ने अंडे दिए उसके ठीक नीचे शहर में जलापूर्ति होने वाला पानी भरा है। यह प्रमाणिक खुलासा एक सूचना के अधिकार में सामने आया है। नपा के सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति में उस स्थान के अधिकृत फोटो और वीडियो फुटेज मिले है। जिस स्थान पर कबूतर के चूजे और बीट मिले हैंं, उसके ठीक नीचे फिल्टर लांट का पानी भरा है। गंद्रगी के ढेर स्पष्ट ऐसे दिखाई दे रहे हैं। थोड़ी सेे हवा या कबूतर के पंखों की आहट से इनके अंश जो फिल्टर प्लांट सिस्टम का पानी नीचे भरा उसके अंदर टपकने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। यह सब कुछ सूचना अधिकार की एक विशेष धारा में फिल्टर प्लांट के निरीक्षण के उपरांत मांगे गए चित्र और वीडियों फुटेज के प्रमाण अधिकृत रूप से सामने आए हैं।
ये प्रमाण सामने आए
नपा के सहायक यंत्री और सूचना अधिकार व्यवस्था के सहायक लोकसूचना अधिकारी रविदं मडलोई और फिल्टर प्लांट के सहायक प्रभारी लिनस फ्रेकलिन शिेदे नेे फिल्टर प्लांट का निरीक्षण के बाद चिन्हित स्थान के मौके की तस्वीरेे और वीडियों फुटेज विधिवत प्राप्त कराने की अनुमति दी। आवेदक को फिल्टर लांट का मौका निरीक्षण कराने के लिए नपा के सक्षम अधिकारी ने एक पत्र जारी किया था। प्लांट का निरीक्षण कर मौकेे से फोटो और वीडियों फुटेज संकलित किए। जिसके तहत प्लांट पर उपस्थित रहने का निर्देश आवेदक को दिया गया था।
प्रमाण संकलित सुरक्षित
1 फिल्टर न्लांट के जिस स्थान पर कबुतर ने बव्वे दिए उसका वीडियों फुटेज जिसमें कबूतर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। यह स्थान एक दम असुरक्षित है, हवा के झोके से या बारिश से अंडे व कबुतर के बच्चों को नीचे गिरने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। यह वह स्थान है जहां फिल्टर प्लांट की विधुत मोटर चलती रहती है। जिसे फोक्युलेशन सिस्टम कहा जाता है। इस सिस्टम की मोटर लापरवाही के कारण यह अभी बंद पडी है।
2 वह फोटो जहां कबुतर की बीट स्पषर््ट दिखाई दे रही है जो हवा के ण्क झोके से नीचे भरे उस पानी में गिर सकती है जो शहर के लोगों को पिलाया जा रहा है।
3 फिल्टर प्लांट के सहायक प्रभारी शिंदे का वह वीडिैयों फुटेज जो इस बात को स्वीकार कर रहे हैकि कबूतर ने फिल्टर प्लांट के उस स्थानपर बच्ये दिए जिसके नीचे भरा पानी शहर में सप्लाय होता है। उनसे यह सवाल पूछा जा रहा हैकि इस स्थान से अडे बीट आदि नीचे भी गिर सकते है यह असुरक्षित स्थान है वे जवाब देने में मौन है।
4 लांट पर कार्यरत कर्मचारी फुटेज में इस बात को स्वीकार कर रहा हैकि कबुतर के बच्चों के कारण हम फिल्टर प्लांट की मौटर लगभग दो माह से नहीं चला रहे हैं। उस से यह भी सवाल किया गया कि यहां इन बच्चों के उड जाने के बाद फिर कबुतर बच्चे देंगे वह आश्वस्त कर रहा हैकि अब ऐसे नहीं होने देंगे। उसके पास इस बात का कोइ जवाब नहीं हैकि अडे और कबुतर की गंदगी नीचे भरे पानी में गिरती हेागी। उसका यह कहना थाकि हम इस बारे में धुम घुम कर देखते रहते है।
5 फिल्टर ैलांट के उस पूरे भाग का फोटो और वीडियों फुटेज जिसमें पानी के उपर वह रेलिग है जिसमें कबुतर ने संतान उत्पति का घर बना रखा है।
इनका कहना
लगभग दो माह से फिल्टर प्लांट के एक भाग क्लेरीफलोक्युलेटर सिस्टम की एक विधुत मोटर बंद है। इस स्थान पर कबुतर ने बच्चे दे दिए है। जो अभी भी विधमान है। (जैसा प्लांट निरीक्षण करवाते समय कहा)
लिनस फ्रिकलेन शिंदे
सहायक प्रभारी फिल्टर प्लांट नागदा जिला उज्जैन