मेगा साइबर जागरूकता अभियान में लाखों लोगों ने लिया भाग

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अपर पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम शैव्या गोयल ने बताया कि अक्टूबर महीने को नेशनल साइबर अवेयरनेस माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत को साइबर जागरूक और साइबर सशक्त बनाना है। रविवार को एक मेगा साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 1200 से अधिक स्थानों पर एलईडी लगाकर सवा दो लाख से ज्यादा लोगों को जागरूक किया गया।

उन्होंने बताया कि इस दौरान जनपद के विभिन्न सेक्टरों, सोसाइटियों, पार्कों, मॉल, बाजारों व भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर स्क्रीन लगाई गई 1200 से अधिक स्थानों पर स्क्रीन लगाकर साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के द्वारा नागरिकों को साइबर जागरूकता, साइबर हाइजीन व साइबर अपराधों से बचाव के उपायों के बारे में बताया गया।

इस मौके पर साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने कहा कि साइबर सुरक्षा हर व्यक्ति के महत्वपूर्ण है। मोबाइल आपका वॉलेट है। जैसे आप अपने वॉलेट की सुरक्षा के लिए सतर्क रहते हैं। उसी तरह से अपने मोबाइल की भी सुरक्षा करें। कहीं भी थोड़ी देर के लिए ऐसे जगह मोबाइल नहीं छोड़ें जहां इसका दुरुपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में साइबर क्राइम वैश्विक समस्या और चिंता है। इससे बचने के लिए हम सभी लोगों को जागरूक होना पड़ेगा।

साइबर जागरूकता कार्यक्रम में सेक्टर-19 के भारी संख्या में निवासी शामिल हुए। इस दौरान सेक्टर के आरडब्ल्यूए महासचिव लक्ष्मी नारायण ने बताया कि इस मीटिंग में अधिक संख्या में निवासियों और 24 आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने भाग लिया। इसके साथ ही नोफा के अध्यक्ष राजीव सिंह ने बताया कि रविवार को पुलिस विभाग की ओर से हुई कार्यशाला साइबर अपराध के बारे में जागरूकता पैदा करने की बेहतरीन पहल रही है। साइबर क्राइम के मुख्य कारण सोशल मीडिया पर बहुत अधिक जानकारी साझा करना, जल्दी पैसा कमाने के लालच में आना, धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों के झांसे में आना, व्यावसायिक ऑनलाइन शॉपिंग साइटों पर धोखाधड़ी, फर्जी मेल, होटल बुकिंग आदि हैं। कई एओए ने सोसायटियों में कार्यशाला के सामुदायिक अवलोकन की व्यवस्था की थी। सेक्टर-82 स्थित उद्योग विहार सोसाइटी में इस अभियान के तहत सभी निवासियों को जागरूक किया गया। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष मयंक चौहान ने बताया कि हमने हर घर जाकर वीडियो और संदेश के माध्यम से निवासियों को कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी थी। ऐसे में अधिक संख्या में लोग जुटे और नई जानकारी हासिल की।

अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस का यह प्रयास साइबर साक्षरता को नई दिशा देने की एक पहल है। इस मेगा अभियान में दो लाख से अधिक लोगों को जोड़ा गया। यह मेगा अभियान साइबर सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा।