प्रार्थी मुकेश धीवर ने पुलिस को बताया कि, 4 अक्टूबर 2025 की सुबह उन्होंने अपने पिता सुरेन्द्र कुमार धीवर को मृत अवस्था में पाया। मृतक पेट के बल पड़े हुए थे और उनके गर्दन, माथा, सिर तथा बाएं आंख के पास धारदार हथियार से चोट के निशान थे। पुलिस ने तत्काल मर्ग कायम कर जांच शुरू की। घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने घटना की त्वरित जांच के लिए निर्देशित किया।
एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट और थाना मंदिर हसौद की संयुक्त टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और मृतक के परिवार और आस-पास के लोगों से पूछताछ की। तकनीकी और मुखबीर सूचना के आधार पर पुलिस को पता चला कि, मृतक को अंतिम बार सूरज कोशले और परमानंद साहू उर्फ बिल्लू के साथ आटो में घूमते देखा गया था। इन दोनों को पकड़कर पूछताछ करने पर प्रारंभ में उन्होंने अपनी संलिप्तता से इनकार किया, लेकिन पुलिस ने लगातार पूछताछ और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपितों को हिरासत में लिया। अंततः दोनों आरोपियों ने सुरेन्द्र कुमार धीवर की हत्या करना स्वीकार किया।
पुलिस के मुताबिक, मृतक और आरोपित उस दिन शराब पीकर आटो में जा रहे थे। किसी मामूली बात को लेकर विवाद हुआ और आरोपित आटो को रोककर पास के निर्माणाधीन मकान से लोहे का रॉड लाए। इसके बाद उन्होंने मृतक को बाहर निकालकर लोहे की रॉड और हाथ में पहने कड़े से मारकर गंभीर चोट पहुंचाई, जिससे मृतक की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने घटना में शामिल दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से आटो वाहन और हत्या में प्रयुक्त आलाजरब जब्त कर लिया है। आरोपितों के विरुद्ध थाना मंदिर हसौद में अपराध क्रमांक 463/25, धारा 103(1), 3(5) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया गया है।