मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक रिवोल्यूशन के नेता अयातुल्लाह सैयद अली खामेनेई के वरिष्ठ सैन्य सलाहकार मेजर जनरल राहिम सफवी ने कहा कि युद्ध के दौरान इजराइली कब्जे वाले क्षेत्रों पर 500 से अधिक मिसाइलें दागी गईं। इन हमलों ने हाइफा और अन्य क्षेत्रों में इजरायली प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान पहुंचाया। इनमें कम से कम 16 इजरायली पायलट मारे गए। ईरानी मिसाइलाें ने इजराइल की रिफाइनरियाें, बिजली संयंत्राें और अनुसंधान केंद्रों को भी निशाना बनाया।
सफवी ने कहा कि कुछ मिसाइलों का प्रभाव इतना व्यापक था कि जिसके कारण भूकंप जैसी स्थिति पैदा हाे गई और विनाश का दायरा तीन किलोमीटर तक फैला है। उन्होंने कहा कि ईरानी सैन्य बल भविष्य में किसी भी संभावित संघर्ष के लिए तैयार है। इस बीच ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी कि देश के खिलाफ किसी भी आक्रामकता का करारा जवाब दिया जाएगा। ईरान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर कदम उठाने के लिए तैयार है।
उल्लेखनीय है कि 13 जून को किए गए इजराइली हमले में ईरान के 1000 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जिसमें सैन्य कमांडर, वैज्ञानिक भी शामिल थे।
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