अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने बुधवार को इंडोनेशिया को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि इज़राइल के खिलाड़ियों को वीज़ा न देने के कारण अब इंडोनेशिया से भविष्य में किसी भी ओलंपिक या उससे जुड़े आयोजन की मेजबानी पर बातचीत नहीं की जाएगी।
दरअसल, जकार्ता में चल रही वर्ल्ड आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक चैंपियनशिप (19 से 25 अक्टूबर) में इज़राइली खिलाड़ियों को हिस्सा लेने के लिए वीज़ा नहीं दिया गया। इसके खिलाफ इज़राइल जिम्नास्टिक फेडरेशन ने स्पोर्ट्स मध्यस्थता न्यायालय (सीएएस) में अपील की थी, लेकिन सीएएस ने इसे खारिज कर दिया। इसके चलते इज़राइल के खिलाड़ी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सके।
आईओसी की कार्यकारी बोर्ड ने कहा कि, “सभी पात्र खिलाड़ी, टीमें और खेल अधिकारी बिना किसी भेदभाव के अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकें — यह मेज़बान देश की जिम्मेदारी है।”
आईओसी ने एक आधिकारिक बयान में भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की कि “इंडोनेशिया की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ भविष्य में ओलंपिक खेलों, यूथ ओलंपिक, या किसी भी ओलंपिक आयोजन या सम्मेलन की मेजबानी पर कोई वार्ता नहीं की जाएगी, जब तक कि इंडोनेशियाई सरकार यह सुनिश्चित न करे कि वह सभी देशों के खिलाड़ियों और अधिकारियों को प्रवेश की अनुमति देगी।”
आईओसी ने यह सिफारिश भी की कि सभी अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघ इंडोनेशिया में किसी भी खेल आयोजन या बैठक की मेजबानी तब तक न करें जब तक सरकार आवश्यक गारंटी न दे दे।
साथ ही, आईओसी ने इंडोनेशिया की एनओसी और इंटरनेशनल जिम्नास्टिक फेडरेशन को लुसाने स्थित मुख्यालय में बुलाया है ताकि इस पूरे मामले पर चर्चा की जा सके।
इज़राइल से जुड़े आयोजनों में पहले भी विरोध
इंडोनेशियाई सरकार ने कहा कि उसने फिलिस्तीन के समर्थन में इज़राइली जिम्नास्टों को वीज़ा देने से इनकार किया।
जुलाई 2023 में, इंडोनेशिया ने वर्ल्ड बीच गेम्स की मेजबानी से हाथ खींच लिया था क्योंकि इसमें इज़राइल की भागीदारी को लेकर विवाद हुआ था।
मार्च 2023 में, दो प्रांतीय गवर्नरों के विरोध के बाद इंडोनेशिया से फीफा अंडर-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी छीन ली गई थी।
ये दोनों घटनाएं उस समय हुई थीं जब गाज़ा में इज़राइल और हमास के बीच युद्ध शुरू नहीं हुआ था। वर्तमान में वहां संघर्षविराम लागू है।