दुघर्टना की रील बनाना छोड घायल को सबसे पहले पहुंचाएं अस्पताल : डीएसपी

Share

सेमिनार में कक्षा 10 और कक्षा 11 वीं के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। सेमिनार में छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा के प्रति कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। बच्चों को सड़क पर वाहन चलाते समय ट्रैफिफ नियमों का पालन करने पर भी जोर दिया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि‍ ट्रैफिक डीएसपी प्रमोद केशरी ने छात्रों से कहा कि जीवन अनमोल है। अगर किसी सड़क पर दुर्घटना हुई हो तो रील न बनाए। बल्कि साहस करके मानवता को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले मददगार के रूप में घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाएं। एक नेक नागरिक होने का परिचय स्थापित करें। उन्होंने बताया गया कि 18 साल के कम उम्र के विद्यार्थियों को वाहन चलाना दंडनीय अपराध है और इसके लिए उन्हें, उनके अभिभावकों को भी नियम की अवहेलना करने के लिए आर्थिक दंड के साथ कारावास का भी प्रावधान है।

मौके पर सभी बच्चों के बीच सड़क सुरक्षा को लेकर पुस्तिका का वितरण किया गया।

इस अवसर पर ट्रैफिक डीएसपी प्रमोद केशरी, स्कूल की प्राचार्या किरण यादव, जिला सड़क सुरक्षा अभियंता रांची के गौरव कुमार, समर्पण चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आनंद केडिया, उमेश केडिया, स्मिता केडिया, रिलेशंस के निदेशक आशुतोष द्विवेदी सहित अन्‍य मौजूद थे।