प्रदेश में आगामी महीनों में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं और ऐसे समय पर संगठन को मजबूती देने के लिए कांग्रेस हाईकमान नए अध्यक्ष की नियुक्ति पर गंभीरता से विचार कर रहा है। जानकारी के अनुसार अध्यक्ष पद की दौड़ में चार नाम प्रमुखता से सामने आ रहे हैं, जिनमें एक मंत्री और तीन विधायक शामिल हैं। ये चारों नेता शिमला संसदीय क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। इनमें शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ठियोग से विधायक व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर, कसौली से विधायक बिनोद सुल्तानपुरी और रेणुका से विधायक व वर्तमान विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार शामिल हैं।
रोहित ठाकुर पहले भी कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं और अब खुद भी अध्यक्ष बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। उनके राजनीतिक अनुभव और वर्तमान में मंत्री पद पर रहते हुए सक्रियता के चलते उनका नाम चर्चा में है। कुलदीप राठौर वर्ष 2019 से 2022 तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी ने उपचुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उस दौरान प्रदेश में भाजपा सरकार थी और विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने चार उपचुनाव जीते थे। अब वे पहली बार विधायक बने हैं, लेकिन संगठन पर उनकी पकड़ को देखते हुए उन्हें भी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
रोहित ठाकुर और कुलदीप राठौर दोनों राजपूत समुदाय से हैं, जो हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी जातीय आबादी है। वहीं, सोलन के कसौली से विधायक बिनोद सुल्तानपुरी अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। यदि कांग्रेस नेतृत्व इस बार अनुसूचित जाति वर्ग से अध्यक्ष बनाता है, तो बिनोद का दावा मजबूत हो सकता है। वे युवा चेहरा भी हैं और पहली बार विधायक बने हैं। इसके अलावा रेणुका से विधायक विनय कुमार, जो वर्तमान में विधानसभा उपाध्यक्ष हैं, वे भी अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं और वरिष्ठता के आधार पर अध्यक्ष पद की दौड़ में बने हुए हैं।
कांग्रेस हाईकमान नए अध्यक्ष के चयन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के साथ-साथ संगठनात्मक क्षमता को भी ध्यान में रख रहा है। चूंकि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री निचले हिमाचल से आते हैं, ऐसे में पार्टी शिमला संसदीय क्षेत्र से अध्यक्ष बनाकर संतुलन साधने की रणनीति पर काम कर रही है। यह क्षेत्र पहले से ही कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है। यहां कुल 17 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में 14 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इसके अलावा राज्य सरकार के पांच मंत्री भी इसी संसदीय क्षेत्र से हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एक दिन पहले ही दिल्ली दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान नए अध्यक्ष के चयन को लेकर भी चर्चा हुई है। पार्टी हाईकमान इस मामले में मुख्यमंत्री की राय को भी प्राथमिकता दे सकता है। उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस नेतृत्व जल्द ही हिमाचल प्रदेश के नए अध्यक्ष की घोषणा करेगा, जिससे पार्टी संगठन को मजबूती मिले और आगामी पंचायत व विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी तेज हो सके।