इसके लिए उन्होंने पारिवारिक सहमति भी ले ली। इसके पूर्व उपरोक्त लोगों ने अंगदान की घोषणा कर भारत सरकार के चिकित्सा और परिवार कल्याण मंत्रालय से प्रमाण- पत्र प्राप्त कर लिया है।
यह कार्य झारखंड साइंस फोरम की रांची इकाई की पहल पर राजेन्द्र इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के एनाटॉमी विभाग के बॉडी डोनेशन युनिट में विभागाध्यक्ष डॉ डी कुमार के समक्ष किया गया। रिम्स के एनाटॉमी विभाग में उपरोक्त लोगों ने फॉर्म में घोषणा की।
इसके बाद डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ डी कुमार ने इस लिखित फार्म में की गई घोषणा को बॉडी डोनेशन यूनिट में पंजीकृत किया और देहदान करने वालों को बधाई दी। उन्होंने बताया की देहदान से मेडिकल छात्रों के चिकित्सीय रिसर्च के अलावा कई जिन्दगियों को बचाया भी जा सकता है और मृत शरीर के कई अंगों को जरुरतमंद लोगों को ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
उन्होंने झारखंड साइंस फोरम की ओर से इस पहल के लिए बधाई देते हुए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। इसके पूर्व झारखंड साइंस फोरम के एस रमेश और किशोर चक्रवर्ती ने भी अपना और अपनी पत्नी के देहदान की प्रक्रिया पूरी की थी।