शातिर ठग को द्वारका पुलिस ने गोवा से गिरफ्तार किया

Share

द्वारका जिले के पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने शुक्रवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपित की पहचान कुनाल सतीश हेलकर (24) के रूप में हुई है। वह महाराष्ट्र का रहने वाला है और खुद को बड़ी कंपनी का सीईओ बताकर लोगों को झांसे में लेता था। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि शिकायतकर्ता दीक्षा कनोजिया ने पुलिस को बताया कि आरोपित ने उनसे 20 फरवरी 2024 को लिंक्डइन पर संपर्क किया और “विजया डिजिटल कॉरपोरेशन” नाम की अपनी कथित कंपनी में डिजिटल एसोसिएट न्यूज एडिटर की नौकरी का प्रस्ताव दिया, जिसमें 45,000 वेतन का वादा किया गया था।

धीरे-धीरे आरोपित ने पीड़िता और उसके परिवार का भरोसा जीत लिया। उसने फर्जी कंपनियों के नाम से नकली वेबसाइट और ईमेल बनाए और खुद को यूनेस्को इंडिया से जुड़ा बताने लगा। इसके बाद उसने झूठे ऑफर लेटर, फर्जी दस्तावेज और नकली रसीदें दिखाकर परिवार से विभिन्न बहानों जैसे गैजेट खरीद, डीडीए फ्लैट अलॉटमेंट, इंटर्नशिप फीस और निवेश योजनाओं के नाम पर मोटी रकम वसूल ली।ठगी का पता चलने पर पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज किया।

पुलिस उपायुक्त के अनुसार जांच में सामने आया कि आरोपित ने न केवल फर्जी पहचान बनाकर ठगी की, बल्कि पीड़िता के परिवार पर लगातार निगरानी भी रखी। वह रोजाना फोन और वीडियो कॉल करता था और यहां तक कि परिवार के घर में सीसीटीवी कैमरे भी लगवा दिए थे ताकि उन पर नजर रख सके।

साइबर थाना द्वारका की टीम ने तकनीकी जांच के दौरान आरोपित के मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, बैंक खातों और डिजिटल ट्रेल का विश्लेषण किया। डिजिटल निगरानी से पता चला कि वह गोवा में छिपा हुआ है। सूचना को पुख्ता कर पुलिस टीम ने गोवा में छापा मारकर आरोपित को दबोचा। पुलिस ने आरोपित के पास से दो मोबाइल फोन, फर्जी कंपनी के दस्तावेज, नकली नियुक्ति पत्र, डीडीए अलॉटमेंट ईमेल, रसीदें और झूठे नाम से जारी चेक बरामद किए।

पुलिस ने बताया कि आरोपित के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे गोवा से ट्रांजिट रिमांड लेकर दिल्ली लाया गया है। जांच में अब तक कई और पीड़ितों के इस नेटवर्क से जुड़े होने के संकेत मिले हैं।

————-