बयान के मुताबिक, हमने तालिबान शासन के एक प्रवक्ता द्वारा पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के बारे में हाल में दिए गए बयानों पर ध्यान दिया है। बयान में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय राजनयिक मानदंडों के अनुसार अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत का पालन किया जाना चाहिए। पाकिस्तान को अपने आंतरिक मामलों में बाहरी सलाह की आवश्यकता नहीं है।
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि तालिबान शासन दोहा प्रक्रिया के दौरान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किए गए अपने दायित्वों और वादों का पालन करेगा।” उन्होंने कहा कि तालिबान शासन को अफगानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल दूसरे देशों के ख़िलाफ़ आतंकवाद के लिए नहीं करने देना चाहिए। इसके अलावा उसे निराधार प्रचार में शामिल होने के बजाय एक सहयाेगपूर्ण और सच्चे प्रतिनिधित्व वाली सरकार के गठन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।