बांसवाड़ा पुलिस ने अनाथ और गरीब बच्चों के जीवन में भरी खुशियों की रोशनी, दीपोत्सव बना पुनीत पर्व

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जहां एक ओर पूरा देश रोशनी, उत्साह और खुशियों के महापर्व दीपावली के उत्साह में सराबोर है, वहीं बांसवाड़ा जिले का पुलिस विभाग अपनी सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ एक अनूठी और मानवीय पहल को अंजाम दे रहा है। जिले में पांच दिवसीय दीपोत्सव को पुलिस ने “मिठाई वाली दिवाली” के रूप में मनाने का निश्चय किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य वंचित और अनाथ बच्चों के जीवन में भी खुशियों की रोशनी लाना है।

पुलिस के जवान बने ‘खुशियों के दूत’

इस पुनीत अभियान के तहत, पुलिस विभाग के अधिकारी और जवान प्रत्येक थाना क्षेत्र में गरीब बच्चों, विशेष रूप से अनाथ बच्चों, के साथ दिवाली की खुशियां बांट रहे हैं। पुलिसकर्मी ‘खाकी’ के कठोर दायित्व को निभाते हुए अब ‘खुशियों के दूत’ की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। वे स्वयं इन बच्चों के निवास स्थानों या निराश्रित गृहों पर जाकर उन्हें केवल मिठाई ही नहीं, बल्कि उनके भविष्य की नींव को मजबूत करने वाली आवश्यक वस्तुएं भी भेंट कर रहे हैं।

बच्चों को दी जाने वाली सामग्री में शिक्षा और सम्मान का मजबूत संदेश छिपा है। पुलिस के जवान और अधिकारी उन्हें दीपोत्सव की मिठास के रूप में मिठाई और उपहार, शिक्षा की लौ जलाने और उनके भविष्य को संवारने के लिए कॉपी और किताबें, बच्चों को सम्मानजनक जीवन देने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से यूनिफॉर्म, जूते और कपड़े उपहार स्वरूप भेंट किए जा रहे हैं जिससे कि ये बच्चे भी दीपावली के अवसर पर किसी भी अभाव का सामना न करें और अन्य बच्चों की तरह खुशी से त्योहार मना सकें।

इस पावन अभियान में बांसवाड़ा पुलिस विभाग का हर छोटा-बड़ा कर्मचारी पूरी शिद्दत से जुटा हुआ है। इस पहल की कमान पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेश भारद्वाज ने संभाल रखी है। उनके नेतृत्व में सभी पुलिस उप अधीक्षक, सब इंस्पेक्टर, सहायक पुलिस निरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल सहित विभाग का प्रत्येक कर्मचारी तन-मन- धन से सहयोग कर रहा है।

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने इस पहल पर कहा, “पुलिस का दायित्व केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना ही नहीं है, बल्कि समाज के प्रति संवेदनशील होना भी है। ‘मिठाई वाली दिवाली’ के माध्यम से हम इन बच्चों को यह संदेश देना चाहते हैं कि पुलिस हमेशा उनके साथ है। यह हमारे लिए सुरक्षा ड्यूटी के साथ-साथ सबसे बड़ा मानवीय धर्म है।”

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेश भारद्वाज ने बताया कि यह अभियान दीपोत्सव के पांचों दिन जारी रहेगा और इसका लक्ष्य जिले के अधिकतम वंचित बच्चों तक पहुंचना है।

बांसवाड़ा पुलिस की यह पहल न सिर्फ पुलिस और आमजन के बीच की दूरी को कम कर रही है, बल्कि एक संवेदनशील और समावेशी समाज के निर्माण में भी एक मिसाल पेश कर रही है। ‘मिठाई वाली दिवाली’ वास्तव में साबित कर रही है कि दीपावली केवल रोशनी का नहीं, बल्कि करुणा और मानवीयता का भी पर्व है।