यह आयोजन न केवल दिव्यांग बच्चों के साहस और प्रतिभा को उजागर करेगा, बल्कि समाज में उनकी स्वतंत्रता और समावेशन के प्रति जागरूकता भी फैलाएगा। सफेद छड़ी, जो नेत्रहीनों के लिए स्वायत्तता का प्रतीक है, इस दिन विशेष रूप से सम्मानित की जाएगी। स्थानीय प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बच्चों की सुरक्षा और उत्साह को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सभी निवासियों से अपील की गई है कि वे इस नेक पहल में भाग लेकर दिव्यांग बच्चों का हौसला बढ़ाएं।