हिसार : तिरुपति धाम में निकाली भगवान श्रीराम स्वरूप की सवारी शोभा यात्रा

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शोभा यात्रा

तिरुपति धाम में कलश व शमी पूजा और दीप प्रज्ज्वलित करके जनकल्याण की कामना

की

हिसार, 3 अक्टूबर । अध्यात्म व सदभाव के पोषक श्री तिरुपति बालाजी धाम

में भगवान श्रीराम स्वरूप की सवारी शोभा यात्रा धूमधाम से निकाली गई। पूरे विधि विधान

से पूजा-अर्चना करने के उपरांत भगवान के चल विग्रह को पालकी में पूरी आस्था से विराजमान

किया गया। इसके उपरांत सवारी शोभा यात्रा ने तिरुपति धाम के बगीचे के लिए प्रस्थान

किया। बहुरंगी छत्र से सुसज्जित प्रभु श्रीराम के स्वरूप को देखकर सभी श्रद्धालु नतमस्तक

हो गए।

यहां पर अर्चकों ने प्रभु श्रीराम की आराधना करते हुए विधिस्वरूप कलश व शमी

वृक्ष पूजन किया। यहां पर दीप प्रज्ज्वलित करके जनकल्याण की कामना भी की गई। धर्म ग्रंथों

के अनुसार शमी वृक्ष शांति, समृद्धि और विजय का प्रतीक है। नवरात्रि और विजयादशमी पर

शमी की पूजा से शनि दोष दूर होते हैं। यह भी मान्यता है कि शमी का पेड़ लगाने से परिवार

में शांति आती है और विपदा से मुक्ति मिलती है।

भगवान श्रीराम ने रावण के वध से पहले

शमी वृक्ष की पूजा की थी और अपने शस्त्र उसी में रखे थे। रावण पर विजय प्राप्त करने

के बाद श्रीराम ने शमी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। इसलिए इसे विजय और मंगल का प्रतीक

माना जाता है। सवारी शोभा यात्रा के तिरुपति धाम के भीतर लौटते समय पूरा धाम जय श्रीराम और

जय भगवान तिरुपति के उदघोष से गूंज उठा। इस दौरान श्रद्धालुओं की आस्था देखने लायक

रही। सवारी शोभा यात्रा के उपरांत श्रद्धालुओं में गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।

विभिन्न क्षेत्रों से तिरुपति धाम में पधारे भक्तों ने धाम में स्थापित श्री

वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी व श्री गोदांबा माता जी के मुख्य मंदिरों

के दर्शन किए और सुख-समृद्धि की कामना की। इसके साथ ही श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी

नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी, श्री वर्वर

मुनि जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिरों के भी दर्शन किए। 42 फुट ऊंचे सोने के श्री

गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम्, श्री तिरुपति यज्ञशाला, श्रीनिवास गोशाला, 71 फुट ऊंचे गोपुरम

एवं पवित्र पुष्करणी के भी भक्तों ने दर्शन किए।