उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पुनर्वास केंद्र में रह रहे आत्मसमर्पित नक्सलियों की बुनियादी आवश्यकताओं का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उनके दैनिक जरूरतों जैसे नाश्ता, भोजन, वस्त्र, खेलकूद की सामग्री, योगाभ्यास और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए, साथ ही उनके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन-प्रशासन के वरिष्ठ जनों से नियमित संवाद की व्यवस्था करने के लिए कहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुनर्वास केंद्र में रह रहे लोगों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। उनकी रुचि एवं योग्यता के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, जिससे वे मुख्यधारा में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें।
उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए परिजनों से मिलने की तिथि तय करने एवं यदि उनके परिवारजन किसी जेल में बंद हैं, तो उनसे मिलने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। शर्मा ने कहा कि सभी पुनर्वासित व्यक्तियों को कम से कम एक बार रायपुर भ्रमण (एक्सपोज़र विज़िट) पर ले जाया जाए, ताकि वे समाज और विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें। इसके साथ ही उन्होंने पुनर्वास केंद्र के प्रत्येक सदस्य को निःशुल्क मोबाइल फोन उपलब्ध कराकर परिवार नियमित संपर्क बनाए रखने में सहयोग करने को कहा।
बैठक में दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा, बस्तर संभाग आयुक्त डोमन सिंह, आईजी बस्तर सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव, डीएफओ रंगानाथन रामाकृष्णन वाय सहित अन्य जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।