आक्रोशित ग्रामीण और गार्ड के परिजनों ने गेट पर शव रखकर १२ घंटे तक गेट को जाम रखा।
आक्रोशित लोगों ने यह आंदोलन सुबह 10 बजे से ही शुरू किया था और खबर लिखे जाने तक आंदोलन जारी है।
जानकारी के अनुसार, नया टोली निवासी योगु महतो (जो विस्थापित परिवार से था) की चार अक्टूबर को ड्यूटी के दौरान अचानक मौत हो गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन ने मौत के कारण की जांच किए बिना ही शव को अस्पताल से घर भेज दिया।
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के केंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि यह घटना विस्थापितों के प्रति बीआईटी प्रबंधन के असंवेदनशील रवैये को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण शव के साथ न्याय की मांग को लेकर गेट पर डटे हैं, लेकिन न तो वीसी और न ही रजिस्ट्रार वार्ता के लिए सामने आए हैं। आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे कमलेश राम, संजय सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद हैं।
थाना प्रभारी संजीव ने बताया कि बातचीत कर समस्या का हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है। आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।