कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने शनिवार को एक बयान में कहा कि पहले कदम के तौर पर लोक लेखा समिति (पीएसी) को यह जांच करनी चाहिए कि एलआईसी को अडानी समूह में निवेश करने के लिए कैसे मजबूर किया गया। जयराम रमेश ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों और आंतरिक दस्तावेजों से यह पता चलता है कि मई 2025 में एलआईसी की लगभग 33,000 करोड़ रुपये की राशि अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों में निवेश की गई।
उन्होंने कहा कि 21 सितंबर 2024 को जब गौतम अडानी और उनके सात सहयोगियों पर अमेरिका में आरोप तय हुए, तो चार घंटे के भीतर ही एलआईसी को करीब 7,850 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रमेश ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा अडानी को भेजे गए समन को लगभग एक साल से आगे बढ़ाने से इनकार कर रही है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों और बंदरगाहों जैसे संसाधनों का पक्षपाती निजीकरण, राजनयिक चैनलों के जरिए ठेके दिलवाना और शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियां इस घोटाले का हिस्सा हैं।
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