इस अवसर पर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने धान खरीद व्यवस्था से जुड़ी नीतियों, प्रक्रियाओं एवं दिशा-निर्देशों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप धान खरीद प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। सभी अधिकारी इस प्रशिक्षण को गंभीरता से ले, ताकि शासन के निर्देशानुसार धान खरीदी कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हो सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने और धान खरीदी कार्य को बिना किसी व्यवधान के सफलतापूर्वक संपादित करने प्रोत्साहित किया। कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि खरीद व्यवस्था समयबद्ध, पारदर्शी और किसानों के लिए पूरी तरह सुविधाजनक हो। प्रशिक्षण में जिले के सभी संबंधित अधिकारी एवं धान खरीदी से जुड़े विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर ने सभी उपार्जन केन्द्रों में निगरानी व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता की संभावना न रहे। उन्होंने कहा कि इंटरस्टेट बार्डर, कोचियों एवं बिचौलियों पर कड़ी निगरानी रखा जाए, ताकि उपार्जन केंद्रों में किसी भी प्रकार से धान की अवैध बिक्री न किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि धान खरीदी कार्य में लापरवाही पाए जाने पर संबंधितो के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।