गोरक्षपीठाधीश्वर के विशेष परिधान में मुख्यमंत्री योगी ने पीठ की परंपरा का अनुसरण करते हुए गुरुवार प्रातःकाल विधि विधानपूर्वक श्रीनाथ जी की पूजा-आराधना कर लोकमंगल की प्रार्थना की।
विजयादशमी के विशिष्ट पूजन की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर में शक्तिपीठ से हुई जहां शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से जगतजननी आदिशक्ति की आराधना के अनुष्ठान चल रहे थे। शक्तिपीठ में वेदी पूजनोपरांत तथा लोक कल्याण की प्रार्थना करने के बाद मुख्यमंत्री योगी मंदिर के अन्य साधु-संतों के साथ, संस्कृत विद्यापीठ के आचार्यगण व वेदपाठी छात्रों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रीनाथ जी के मुख्य मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे। यहां विधि विधानपूर्वक महायोगी गोरखनाथ की पूजा की, आरती उतारी।
इसके साथ ही उन्होंने मंदिर में प्रतिष्ठित सभी देव विग्रहों का विशिष्ट पूजन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करबद्ध होकर श्रीनाथ जी और सभी देव विग्रहों की परिक्रमा भी की। गोरक्षपीठाधीश्वर ने अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ सहित अन्य संतों की समाधि स्थल पर भी शीश नवाया और पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान नाथपंथ के परंपरागत विशेष वाद्य यंत्र नागफनी, शंख, ढोल, घंट, डमरू की गूंज से पूरा मंदिर परिसर भक्ति तरंगों से झंकृत हो रहा था। विजयदशमी के विशिष्ट पूजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के सुखमय, शांतिमय और समृद्धिमय जीवन की कामना की।