इतवारी बाजार क्षेत्र में तो स्थिति और अधिक गंभीर है। वहां सब्जी खरीदने आने वाले ग्राहकों को मवेशियों से बचकर निकलना पड़ता है। कई बार मवेशियों के अचानक दौड़ जाने से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को चोट लगने की घटनाएं भी सामने आई हैं। विक्रेताओं का कहना है कि नगर निगम द्वारा यहां नियमित मवेशी धरपकड़ अभियान नहीं चलाया जा रहा है, जिसके कारण यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर भी मवेशियों का जमावड़ा बना रहता है। सोरिद काली मंदिर, सिहावा चौक, बांबे गैरेज, पुराना बस स्टैंड, रूद्री रोड और अंबेडकर चौक जैसे व्यस्त मार्गों पर मवेशी बैठे रहते हैं, जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती है और दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। शहरवासी टोकेश देवांगन, ईश्वर साहू, जीवन साहू ने कहा कि नगर निगम जल्द ही प्रभावी कदम उठाकर न केवल बाजारों बल्कि मुख्य सड़कों से भी मवेशियों को हटाने की दिशा में ठोस व्यवस्था करनी चाहिए ताकि आमजन को राहत मिल सके और यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके।
इस संबंध में नगर निगम आयुक्त प्रिया गोयल ने बताया कि निगम द्वारा मवेशी धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है और नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने मवेशियों को खुला न छोड़ें, अन्यथा उनके खिलाफ जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी।