नड्डा ने बुधवार को एक बयान में कहा कि विशेष रूप से प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्र सरकार ने राहत स्वरूप सीमेंट पर जीएसटी घटाकर 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत कर दी, जिससे प्रति बोरी सीमेंट की कीमत में लगभग 30 रुपये की कमी आई। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस राहत का लाभ जनता तक नहीं पहुंचने दिया और इसके उलट सीमेंट पर ‘एंटी डंपिंग ड्यूटी’ के नाम पर 16 रुपये प्रति बोरी का अतिरिक्त टैक्स वसूलना शुरू कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब प्रदेश आपदा और आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है, तब कांग्रेस सरकार जनता को राहत देने की बजाय अपनी तिजोरी भरने में लगी है। यह व्यवहार असंवेदनशील और अमानवीय है। नड्डा ने कहा, “दुर्भाग्य है कि जो सीमेंट हिमाचल प्रदेश में बन रहा है, वह पड़ोसी राज्यों में सस्ता और हिमाचल में महंगा बेचा जा रहा है।”
इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर पानी के बिल, स्टाम्प ड्यूटी, ग्रामीण जलापूर्ति शुल्क और बिजली दरों में भी मनमानी बढ़ोतरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से जन विरोधी रवैया है और कांग्रेस सरकार ने झूठे वादों और गारंटियों के नाम पर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बदहाल कर दिया है।
नड्डा ने विश्वास जताया कि जनता समय आने पर इस सरकार को इसका माकूल जवाब देगी और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हिमाचल की जनता को राहत देना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार केंद्र की राहत योजनाओं को जनता तक पहुंचने से रोक रही है।