याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं का विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर काम करने का अनुबंध सीधे तौर पर आरएमआरएस से है। याचिकाकर्ताओं के आवेदन को राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 के तहत नियमित करने के राज्य सरकार को भेजा गया, लेकिन विभाग ने गत 20 अगस्त को आदेश जारी कर कहा कि चिकित्सा विभाग के अधीन संविदाकर्मियों की नियुक्ति प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से ही की जाएगी। वहीं पूर्व में कार्यरत संविदाकर्मी की सेवाएं भी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से नियुक्ति किए गए संविदाकर्मियों से रिप्लेस की जाएगी। इसके चुनौती देते हुए कहा गया कि साल 2022 के नियमों तहत याचिकाकर्ताओं की स्क्रीनिंग कर नियमितिकरण की कार्रवाई लंबित है। उनकी सेवाओं को प्लेसमेंट एजेंसी के अधीन करना और उनके स्थान पर दूसरे संविदाकर्मियों को लगाना गैरकानूनी है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।