सरकार की जनविरोधी नीतियों, दलित उत्पीड़न और मजदूरों किसानों के मुद्दों पर संघर्ष तेज करेगी माकपा: डा. ओंकार शाद

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विशेष राहत पैकेज की घोषणा तो की गई, लेकिन अधिकांश प्रभावितों को अभी भी मुआवजे की राशि प्राप्त नहीं हुई है। केवल कुछ लोगों को ही फौरी राहत के रूप में कुछ सहायता प्राप्त हुई है। सितंबर माह में प्रदेश के अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को 1500 करोड़ रु की सहायता प्रदान करने की घोषणा पर भी केंद्र सरकार ने कोई अमल नहीं किया है। आपदा से निपटने के लिए नियमित रूप से राज्यों को दी जाने वाली राशि के अलावा केंद्र सरकार कोई भी विशेष राहत पैकेज के रूप में आर्थिक सहायता प्रदेश को नहीं दे रही है।

माकपा ने केंद्र सरकार से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने तथा पांच हजार करोड़ रुपए का विशेष राहत पैकेज देने की मांग की है. इसके साथ ही आपदा प्रभावित लोगों को जमीन के बदले जमीन देने के लिए वन सरंक्षण क़ानून 1980 में संशोधन करने की मांग की है, एनएचएआई द्वारा किये जा रहे फोरलेन सड़कों के निर्माण से हर जगह बहुत नुक्सान हो रहा है। निर्माण कार्य से भूस्खलन व जमीन धंसने से हो रही क्षति की पूर्ति के लिएएनएचएआई व कम्पनियां कोई भी उचित मुआवजा नहीं देती हैं, जिस कारण किसान एवं प्रभावित लोग बेहद संकट में हैं।

डॉ. ओंकार शाद ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जनता की सुविधाएं और साधनों को छीन कर पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। उन्होंने कहा कि दलितों और समाज के कमजोर तबकों के खिलाफ आक्रमण बढ़ रहे हैं तथा उनका उत्पीड़न और भेदभाव बढ़ रहा है। माकपा जनता को लामबंद कर जनविरोधी नीतियों, दलित उत्पीड़न के खिलाफ तथा मजदूरों किसानों के मुद्दों पर संघर्ष तेज करेगी।