उन्होंने पानी की निकासी को लेकर गंभीरता पूर्वक कार्य करने को कहा ताकि भविष्य में बारिश या पानी की वजह से इस परियोजना को कोई नुक्सान न पहुंचे। शिवधाम का निर्माण कर रही कंपनी के इंजीनियर्स ने विस्तार पूर्वक चल रहे निर्माण की जानकारी दी। सनद रहे काफी समय से इस महत्वकांक्षी परियोजना का कार्य बंद था लेकिन अब इसको सुचारु करने के लिए विधायक द्वारा प्रयास करने के बाद प्रदेश सरकार ने इसके निर्माण में दिलचस्पी दिखाई और इसको पूर्ण करने के लिए फिर से निर्माण कार्य शुरू किया गया है। लगभग 25 करोड़ की लागत से इसके मंदिरों के ढांचों का निर्माण पूर्ण किया जा रहा।और शेष कार्य के लिए एशियन डिवालमेंट बैंक के माध्यम से इस परियोजना को पूर्ण किया जाना है, जिसके लिए टेंडर अलग से किए जाएंगे।
उन्होंने बताया की शिवधाम अपने आप में पूरे भारत में अकेला ऐसा स्थल होगा जहां 12 ज्योतिर्लिंगों के एक साथ दर्शन हो सकेंगे। उम्मीद है जल्दी ही इसका निर्माण पूरा होगा और ये एक अनोखा ,आलौकिक धार्मिक और दार्शनिक स्थल होगा। और मंडी में पर्यटन का नया आयाम स्थापित होगा। इसके मौके पर पर्यटन निगम के अधिकारी राकेश अरोड़ा, के.डी.एन. कंस्ट्रक्शन कम्पनी के इंजीनियर्स और कर्मचारी उपस्थित रहे।