मध्य प्रदेश में सुधरने लगी वायु की गुणवत्ता, ग्वालियर को छोड़ कई शहरों में बेहतर हुई स्थिति

Share

मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के कई प्रमुख औद्योगिक और शहरी इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में पिछले दिनों की तुलना में गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि, ग्वालियर (एक्यूआई 210) अभी भी सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शुमार है, लेकिन इंदौर (एक्यूआई 171), भोपाल (एक्यूआई 170) और जबलपुर (एक्यूआई 117) जैसे शहरों ने “बहुत अस्वस्थ” श्रेणी से बाहर निकलकर “मध्यम” से “अस्वस्थ” श्रेणी की ओर रुख किया है। यह हवा की गुणवत्ता में साफ तौर पर सुधार का संकेत है।

आंकड़ों की बात करेंगे ग्वालियर का एक्यूआई 210 दर्ज किया गया है, जो कि अस्वस्थ में आता है। इसके अलावा अस्वस्थ श्रेणी में पीथमपुर में 183, देवास में 179, मंडीदीप में 179 और भोपाल में एक्यूआई 170 दर्ज किया गया है। इसी तरह कटनी एक्यूआई 153 रहा है, जो कि मध्यम-अस्वस्थ श्रेणी में आता है, जबकि दमोह में 149, रतलाम में 149 और सिंगरौली में 142 मध्यम श्रेणी का एक्यूआई दर्ज किया गया है।

मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा ने बताया कि दीपावली के तुरंत बाद प्रदूषण में आई तेज वृद्धि पटाखों के अत्यधिक इस्तेमाल, तापमान में गिरावट और हवा की गति में कमी जैसे कई कारणों से हुई। उन्होंने कहा कि सुबह और शाम के समय धूल और धुएं के कणों की सांद्रता बढ़ जाती है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। उन्होंने बताया कि हालांकि अब काफी सुधार हुआ है। एक-दो दिन में पूरी तरह हवा शुद्ध हो जाएगी।

इधर, भोपाल में नगर निगम द्वारा शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। तीन प्रमुख निगरानी केंद्रों -पर्यावरण परिसर, टीटी नगर और कलेक्टर कार्यालय में एक्यूआई रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाए गए हैं। धूल और प्रदूषकों से निपटने के लिए इन इलाकों में 24 घंटे से ज्यादा समय तक लगातार पानी का छिड़काव करने के लिए नगर निगम के 21 वाहन तैनात किए गए थे, जिससे एक दिन में ही वायु प्रदूषण में काफी सुधार हुआ।