कार्यशाला में बताया गया कि जनपद में वर्ष 2023-24 में 20, 2024-25 में 17 तथा चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 14 लोगों की सर्पदंश से मृत्यु हो चुकी है। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के निर्देशन में राज्य के 18 संवेदनशील जनपदों में क्लिनिकल और नॉन-क्लिनिकल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
मास्टर ट्रेनर डॉ. मनिंदर सिंह, डॉ. श्वेता सिंह और डॉ. अनूप सिंह ने विषैले व गैर-विषैले सर्पों की पहचान, प्रारंभिक उपचार और जागरूकता के तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर सर्पदंश जानलेवा नहीं होता, लेकिन समय पर सही पहचान और उपचार से जीवन बचाया जा सकता है।