अंतरराष्ट्रीय सामूहिक विवाह सम्मेलन में 30 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे

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राष्ट्रीय सहजयोग की वाइस चेयरमैन कैप्टन एस.एम. भल्ला ने बताया कि यह सामूहिक विवाह सहजयोगी पंडितों द्वारा बिना किसी भेदभाव, दहेज या लेन-देन के संपन्न हुआ। राष्ट्रीय सहजयोग के पूर्व ट्रस्टी श्री श्रीचंद चौधरी ने बताया कि राजस्थान में यह दसवां अंतरराष्ट्रीय सामूहिक विवाह है, जिसमें सभी धर्म और समाज के लोग सम्मिलित हुए।

हल्दी समारोह सुबह 9 बजे संपन्न हुआ, जिसमें वर-वधुओं एवं उनके परिजन सहजयोगी साधकों से चैतन्यित हल्दी प्राप्त कर उत्साहित हुए। सम्मेलन में देश-विदेश के कलाकारों ने भजनों और वाद्य यंत्रों से माहौल को और भी भावपूर्ण बना दिया।

शाम 5.30 बजे गणेश पूजन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। परमपूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी के प्रवचनों के माध्यम से वर-वधुओं और उनके परिजनों को गृहस्थ जीवन में दायित्व, प्रेम और सौहार्द का महत्व बताया गया। इसके बाद सभी वर घोड़ियों पर सवार होकर बारात सहित पांडाल पहुँचे, जहां वधु पक्ष के परिवार और अंतरराष्ट्रीय ट्रस्ट्रियों ने उनका स्वागत किया।

गौरी पूजन के बाद वधुओं को हवन वेदी पर ले जाया गया। मंत्रोच्चारणों और पीले चावल की वर्षा के बीच सात फेरे संपन्न हुए, और वरमाला व पाणिग्रहण संस्कार संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम ने भारत की “वसुदैव कुटुम्बकम” की अवधारणा के साथ विभिन्न संस्कृतियों के मेल का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

राजस्थान सहजयोग के मीडिया प्रभारी डॉ. सिंह ने बताया कि 26 अक्टूबर सायं 5 बजे अंतरराष्ट्रीय दीपावली पूजा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नवविवाहित दंपतियों सहित सभी सहजयोगी सम्मिलित होंगे।