लोक निर्माण विभाग के 100 कार्यालय अब ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर

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मुख्यमंत्री सुक्खू ने रविवार को कहा कि अब विभाग की फाइलें प्रमुख अभियंता से लेकर सचिव स्तर तक, सचिवालय से लोक निर्माण मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय तक ई-ऑफिस के माध्यम से संचालित हो रही हैं। इससे न केवल कार्यों में तेजी आई है बल्कि अनावश्यक विलंब में भी कमी आई है। उन्होंने बताया कि विभाग में आंतरिक संचार भी अब आधिकारिक ई-मेल से हो रहा है, जिससे पारदर्शी व्यवस्था बनी है और फाइलों की वास्तविक समय पर निगरानी संभव हो पाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम तौर पर डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शीर्ष स्तर पर आसान होती है, जबकि क्षेत्रीय स्तर पर इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण रहता है, लेकिन लोक निर्माण विभाग ने अधिशासी अभियंता स्तर तक ई-ऑफिस को सफलतापूर्वक लागू कर दिखाया है। यह सरकार के जवाबदेह और प्रौद्योगिकी-आधारित शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में विभाग ने निर्धारित समय-सीमा में डिजिटल रूपांतरण का लक्ष्य पूरा किया है। यह पहल विभाग को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगी।

विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि कुल 100 कार्यालय अब पूरी तरह ई-ऑफिस पर काम कर रहे हैं। इनमें प्रमुख अभियंता का एक कार्यालय, पांच मुख्य अभियंता (जोन) कार्यालय, अधीक्षण अभियंताओं के 19 वृत्त कार्यालय और कार्यकारी अभियंताओं के 58 मंडल कार्यालय शामिल हैं। इसके अलावा विद्युत अनुभाग के अंतर्गत दो वृत्त और पांच मंडल कार्यालय, यांत्रिक अनुभाग के दो वृत्त और चार मंडलीय कार्यालय भी डिजिटल हो चुके हैं। साथ ही शिमला स्थित मुख्य वास्तुकार कार्यालय, मंडी और धर्मशाला के वास्तुकार कार्यालय तथा एक बागवानी मंडल भी अब ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे हैं।