बहादुरगढ़ के योगेश कथूनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता रजत पदक

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योगेश कथूनिया ने बताया कि उन्होंने अपने पहले प्रयास में 41.40, दूसरे में 42.49, तीसरे में 42.02, चौथे में 42.10, पांचवें में 41.08 और छठे प्रयास में 41.83 मीटर चक्का फेंका। उनका दूसरा प्रयास सबसे अच्छा रहा। उन्होंने कहा कि वह खुद भी अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। योगेश ने कहा कि घरेलू धरती पर मुकाबला करना उनके लिए गर्व और उत्साह का क्षण है। उनके पिता ज्ञान चंद ने बताया कि पूरा परिवार स्टेडियम में मौजूद रहेगा और उनका उत्साह बढ़ाएगा। पिता ज्ञानचंद ने बताया कि योगेश का जन्म बहादुरगढ़ के गांव मांडौठी में वर्ष 1997 में हुआ। आठ साल की उम्र में योगेश लकवाग्रस्त हो गए, बाद में हाथ का मूवमेंट कुछ हद तक ठीक हुआ।

वर्ष 2017 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान खेलों में शामिल हुए। उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक 2021 में डिस्कस थ्रो में रजत पदक जीता। इसके बाद वर्ष 2023 पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड ;रिकॉर्ड 46.79 मीटर और दो रजत पदक अपने नाम किए। इसी वर्ष जुलाई महीने मेें वर्ल्ड पैरा एथलेक्टिस चैंपियनशिप परिसर में आयोजित हुई। इस प्रतियोगिता में योगेश ने रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इसी साल अक्तूबर माह में चीन में हुए पैरा खेलों में भी योगेश का बेहतरीन प्रदर्शन रहा। इसमें रजत पदक अपने नाम किया। वर्ष 2024 में गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों में भी योगेश का उम्दा प्रदर्शन रहा। इसी साल पेरिस में हुए पैरालंपिक में योगेश ने रजत पदक जीता।