पंचवटी में सीता जी को लगी प्यास और सुपर्णखा की कटी नाक

Share

मुख्य अतिथि मुख्य कोषाधिकारी नमिता सिंह ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम राम के आचरण से हम अपने जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। विशिष्ट अतिथि डा वेद प्रकाश शर्मा ने रामलीला के आयोजन को लेकर समिति के प्रयासों की सराहना की उन्होंने संगीत पक्ष को एक जोड़ी तबला भेंट किया। आज की लीला कैकई भरत संवाद, भरत कौशल्या संवाद, भरत के चित्रकूट प्रस्थान से लेकर, पंचवटी में सीता जी को प्यास लगना, अत्रिमुनि अनसूया से भेंट, पंचवटी में सुपर्णखा की नाक कटना, खर दूषण वध, रावण सुपर्नखा संवाद तक मंचित की गई।

अत्रिमुनी की भूमिका गोपाल नेगी, अनसूया सोनम डोभाल, सुपर्णखा मानवी थपलियाल,खर कृष, दूषण प्रज्ज्वल ने निभाई। सुपर्णखा की भूमिका में मानवी थपलियाल के ” देखो बाली जीवन की बहार जी हां, मैं तो कैसी बनी हूं रसीली नार” पर नृत्य ने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी।

उनके सुंदर अभिनय ने रामलीला मैदान में खचाखच भरे दशकों की भीड़ का भरपूर मनोरंजन किया। सुपर्णखा के लिए पार्श्व गायन प्रीती ने, अनसूया के लिए पुष्पा थपलियाल ने किया। इस अवसर पर गणेश रावत, महेश ढौंढियाल, राम सिंह रावत, वीरेंद्र रावत आदि मौजूद थे।